Saturday 16 February 2013

बर्ड फ़्लू: डॉ. रमेश पाण्डेय


बर्ड फ़्लू:
मनुष्यों की तरह ही पक्षी भी फ्लू के शिकार होते हैं। बर्ड फ्लू को एवियन फ्लू, एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। इसका एच-5 एन-1 वायरस पक्षियों के साथ ही मुर्गियों और बत्तखों को भी अपना शिकार बनाता है। बर्ड फ्लू के अधिकतर विषाणु केवल दूसरे पक्षियों को ही अपना निशाना बना सकते हैं, पर यह मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी विषम प्रभाव डाल सकता है। एच-5 एन-1 विषाणु से किसी आदमी के संक्रमित होने का पहला मामला हांगकांग में 1997 में सामने आया था। उसी समय से ही एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों में बर्ड फ्लू का विषाणु फैलने लगा।

यह घातक विषाणु एच-5 एन-1 भारत में जनवरी में फैला था। खाद्य और कृषि संगठनों के अनुसार देश भर में इसके फैलाव को रोकने के लिए 30 लाख 90 हजार से अधिक मुर्गियों और बत्तखों को मार दिया गया। 2 फरवरी 2008 के बाद से किसी नयी बीमारी के निशान देखने को नहीं मिले हैं। एवियन एंफ्लूएंजा आमतौर पर पक्षियों को ही अपना निशाना बनाता है, पर इसके एच-5 एन-1 विषाणु ने एशिया में अपनी शुरुआत (2003) के समय से ही लगभग 243 लोगों को अपना शिकार बना लिया है। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) का है।
  1. मुरगाबी एच-5 एन-1 विषाणु को अपने साथ लाते हैं।
  2. मुर्गियां इनका सबसे आसान शिकार बन सकती हैं।
  3. वे इससे मानवों को संक्रमित कर सकती हैं, जो सबसे निकट संपर्क में रहते हैं।
बाघ, बिल्ली (एच5एन1), सील (एच7एन7), पशु, अश्व प्रजाति (एच7एन7), नेवला (एच10एन4,एच1एन2,एच3एन2,एच4एन6,एच5एन1), मानव, सूअर (एच1एन1), व्हेल (एच2एन2, एच13एन9), मानव
मूल धारक- जंगली मुरगाबी, बत्तख आदि (एच1-15, एन1-9)
बर्ड फ्लू के फैलने के मामले में जो लोग संक्रमित पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, इसका शिकार बन सकते हैं। मुर्गी अगर सही ढंग से नहीं पकी हो, तो उसे खानेवाला भी बीमार हो सकता है या फिर किसी ऐसे आदमी के संपर्क से भी यह बीमारी फैलती है, जो पहले से इसका शिकार हो। बर्ड फ्लू आदमी को बेहद बीमार कर सकता है, यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। फिलहाल अभी इसका कोई टीका नहीं है






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